LYRIC
रूप नगर की रानी हु मुझे
हाथ न लगाना रे बाबू
रूप नगर की रानी हु मुझे
हाथ न लगाना रे बाबू
जलती सोख जवानी हु
मेरे पास नहीं आने रे बाबू
जादू भरी मेरी निगाहे
शोला बदन कातिल अदाएं
रू बाबा रू
रूप नगर की रानी हु मुझे
हाथ न लगाना रे बाबू
जलती सोख जवानी हु
मेरे पास नहीं आने रे बाबू
जालिमा हाय मै मर गयी
बेखुदी क्यों बढ़ गयी
होश में भी बहके मेरे कदम
ये चुभन और ये तपम
जल रहा है मेरा मन
प्यास मेरी जाने न बेख़बर
कहने लगी रेट सुहानी
सबसे जुदा मेरी कहानी
रू बाबा रू
रूप नगर की रानी हु मुझे
हाथ न लगाना रे बाबू
जलती सोख जवानी हु
मेरे पास नहीं आने रे बाबू.